रोशनी की शुभकामनाएं
(मजे की बात यह है कि आज अपने 54 साल पूरे हो गए)
रोशनी को और क्या क्या चाहिए
तेल, बाती और दिया चाहिए
झिलमिलाते रहें दिये आंगनों में
और लइया की पुटरिया चाहिए
जगमगा उट्ठे रंगोली के रंग
आज इस आंगन को बिटिया चाहिए
घर के माथे पर चमकती जुगनुएं
और पांवों में पैजनिया चाहिए
तेज होती है अब दिये की लौ
और क्या तुझको सजनिया चाहिए
26 अक्टूबर, 2011
(मजे की बात यह है कि आज अपने 54 साल पूरे हो गए)
जगमगा उठ्ठे जमीनें दीयों सी हर गांव में
अब किसानों के हलों में रोशनी पैदा करें
जहां बढ़ते हैं शिकारी अंधेरों के जाल ले
उन उनींदे जंगलों में रोशनी पैदा करें
बांट लें हर एक की तकलीफ अपनेआप हम
इस कदर अपने दिलों में रोशनी पैदा करें
जिंदगी मुश्किल सही पर ये क्या कम है दोस्तों
हम हमेशा मुश्किलों में रोशनी पैदा करें
(बरसों पहले एक दिवाली पर)
तेल, बाती और दिया चाहिए
झिलमिलाते रहें दिये आंगनों में
और लइया की पुटरिया चाहिए
जगमगा उट्ठे रंगोली के रंग
आज इस आंगन को बिटिया चाहिए
घर के माथे पर चमकती जुगनुएं
और पांवों में पैजनिया चाहिए
तेज होती है अब दिये की लौ
और क्या तुझको सजनिया चाहिए
26 अक्टूबर, 2011