Sunday, February 10, 2013

यारब तराना हराम कैसे

कश्मीर में गीत-संगीत के खिलाफ एक मुफ्ती के फतवे का विरोध
और लड़कियों के प्रगाश बैंड के समर्थन में खुदा के बंदों से सवाल


गाना बजाना हराम कैसे
यारब तराना हराम कैसे

दिल को मेरे सुकून आए
तो गुनगुनाना हराम कैसे
 
दिल दुखाना गुनाह बेशक
पर गीत गाना हराम कैसे

कव्वाली, ठुमरी, राई, राक
ये सब खजाना हराम कैसे

मौसि़की है खुदा की नेमत
तो सुर सजाना हराम कैसे

मंजूर दिल की धड़कनें तो
ठुमके लगाना हराम कैसे

साज ए दिल भी पूछता है
धुनें बनाना हराम कैसे

हराम हो बेबस को नचाना
खुद नाच गाना हराम कैसे

गाल बजाना जायज है तो
ढोल बजाना हराम कैसे

आंखें चुराना ग़लत यकीनन
नजरें मिलाना हराम कैसे

कदमों की फितरत थिरकना
फिर चहचहाना हराम कैसे

 
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