tag:blogger.com,1999:blog-1118279714067156931.post9114579489183836879..comments2023-08-27T06:46:28.963-07:00Comments on सुमरनी: दर्द के दोहेNarendra Mouryahttp://www.blogger.com/profile/17137777410476127147noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1118279714067156931.post-57978666092027985952013-01-30T08:13:20.934-08:002013-01-30T08:13:20.934-08:00सिर्फ कुछ दिनो के शोर से क्या होता है....मानसिकता ...सिर्फ कुछ दिनो के शोर से क्या होता है....मानसिकता मे बदलाव लाने के लिये सतत प्रयास की जरुरत है....अन्यथा हम यू ही घुट्ते रह जायेंगे....स्वयम्बराhttps://www.blogger.com/profile/07253617711811976030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1118279714067156931.post-19012926025646068792013-01-25T09:38:09.827-08:002013-01-25T09:38:09.827-08:00खूब बढ़ी ये गंदगी, कर न पाए साफ
हम भी हैं दोषी बड़...खूब बढ़ी ये गंदगी, कर न पाए साफ<br />हम भी हैं दोषी बड़े, बिटिया करना माफ<br />- चारों ओर फैली है यह गंदगी और सबसे अधिक गंदा हैं आदमी का मन .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.com